Monday, July 27, 2015
Sunday, July 26, 2015
कब आओगे मीत
गया कभी न आया है , यही जगत की रीत
किस मुँह फिर तुमसे कहूँ , कब आओगे मीत !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
किस मुँह फिर तुमसे कहूँ , कब आओगे मीत !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Saturday, July 25, 2015
Monday, July 13, 2015
अपनी होली ईद !
घृणा गाद को फेंक कर , मैत्री सुधा खरीद
तभी मनेगी हृदय से , अपनी होली ईद !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
तभी मनेगी हृदय से , अपनी होली ईद !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Sunday, July 12, 2015
गुरु गुगल
गुरु गुगल की शरण पूर्व , रहे निपट अनजान
मिला ज्ञान उनसे हुई, हर मुश्किल आसान !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
मिला ज्ञान उनसे हुई, हर मुश्किल आसान !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Saturday, July 11, 2015
, चूस लिए सारे घाट
घाट घाट पानी पिया , घट घट तक मदपान
घुस घोटालों में करी , हर मुश्किल आसान ,
हर मुश्किल आसान , फ़कत बस पैसा खाया
खूब मचायी लूट , रहे पुश्तों तक साया
कहें ’ओंम ’ कविराय , दिया धन से सभी पाट
खूब निचोडा माल , चूस लिए सारे घाट
-ओंम प्रकाश नौटियाल
घुस घोटालों में करी , हर मुश्किल आसान ,
हर मुश्किल आसान , फ़कत बस पैसा खाया
खूब मचायी लूट , रहे पुश्तों तक साया
कहें ’ओंम ’ कविराय , दिया धन से सभी पाट
खूब निचोडा माल , चूस लिए सारे घाट
-ओंम प्रकाश नौटियाल
घाट घाट पानी पिया
घाट घाट पानी पिया , घट घट तक मदपान
घुस घोटालों में करी , हर मुश्किल आसान !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
घुस घोटालों में करी , हर मुश्किल आसान !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Friday, July 10, 2015
व्यापम
सोच रहे थे लोग जब , घपले रहे न शेष
ताल भोपाली पीटता, व्यापम करे प्रवेश,
व्यापम करे प्रवेश , हुआ तब धूम धडक्का
देख दैत्य का रूप , देश था हक्का बक्का,
नन्हों का आहार , बडों को न तनिक खरोंच
समझदार यह दैत्य , धन्य है राजसी सोच !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
ताल भोपाली पीटता, व्यापम करे प्रवेश,
व्यापम करे प्रवेश , हुआ तब धूम धडक्का
देख दैत्य का रूप , देश था हक्का बक्का,
नन्हों का आहार , बडों को न तनिक खरोंच
समझदार यह दैत्य , धन्य है राजसी सोच !
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Thursday, July 9, 2015
हार्दिक बधाई !!
दिन विशेष है आज का , महकें सुमन सरोज
अति प्रसन्न हैं मात पित , चन्दर और मनोज,
चन्न्दर और मनोज , पुत्र का जन्म दिवस है
बरसता शुभाशीष , उमडे आनंद रस है ,
करो देश का नाम , ’विभोर’ जियो दिन अनगिन
फैले ज्ञान प्रकाश , करो सुरभित तुम हर दिन !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
अति प्रसन्न हैं मात पित , चन्दर और मनोज,
चन्न्दर और मनोज , पुत्र का जन्म दिवस है
बरसता शुभाशीष , उमडे आनंद रस है ,
करो देश का नाम , ’विभोर’ जियो दिन अनगिन
फैले ज्ञान प्रकाश , करो सुरभित तुम हर दिन !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
ससुराल में !!!
अवसर पाकर ’ओंम’ हैं , शिमला में ससुराल
यहाँ न कोई कर सके , बाँका अपना बाल,
बाँका अपना बाल , कवच हैं साले साली
घटिया भी हो छंद , मिले दाद और ताली,
कहें ’ओंम’ कविराय , सैर करो बनठन कर
साल में एक बार , मिले आने का अवसर
-ओंम प्रकाश नौटियाल
यहाँ न कोई कर सके , बाँका अपना बाल,
बाँका अपना बाल , कवच हैं साले साली
घटिया भी हो छंद , मिले दाद और ताली,
कहें ’ओंम’ कविराय , सैर करो बनठन कर
साल में एक बार , मिले आने का अवसर
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Monday, July 6, 2015
Friday, July 3, 2015
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