Sunday, July 26, 2015

कब आओगे मीत

गया कभी न आया है , यही जगत की रीत

किस मुँह फिर तुमसे कहूँ , कब आओगे मीत !

-ओंम प्रकाश नौटियाल

Monday, July 13, 2015

अपनी होली ईद !

घृणा गाद को फेंक कर , मैत्री सुधा खरीद
तभी मनेगी हृदय से , अपनी होली ईद !
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Sunday, July 12, 2015

गुरु गुगल

गुरु गुगल की शरण पूर्व , रहे निपट अनजान
मिला ज्ञान उनसे हुई, हर मुश्किल आसान !
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Saturday, July 11, 2015

, चूस लिए सारे घाट

घाट घाट पानी पिया , घट घट तक मदपान
घुस घोटालों में करी , हर मुश्किल आसान ,
हर मुश्किल आसान , फ़कत बस पैसा खाया
खूब मचायी लूट , रहे पुश्तों तक साया
कहें ’ओंम ’ कविराय , दिया धन से सभी पाट
खूब निचोडा माल , चूस लिए सारे घाट
-ओंम प्रकाश नौटियाल

घाट घाट पानी पिया

घाट घाट पानी पिया , घट घट तक मदपान
घुस घोटालों में करी , हर मुश्किल आसान !
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Friday, July 10, 2015

व्यापम

सोच रहे थे लोग जब , घपले रहे न शेष
ताल भोपाली पीटता, व्यापम करे प्रवेश,
व्यापम करे प्रवेश , हुआ तब धूम धडक्का
देख दैत्य का रूप , देश था हक्का बक्का,
नन्हों का आहार , बडों को न तनिक खरोंच
समझदार यह दैत्य , धन्य है राजसी सोच !
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Thursday, July 9, 2015

हार्दिक बधाई !!

दिन विशेष है आज का , महकें सुमन सरोज
अति प्रसन्न हैं मात पित , चन्दर और मनोज,
चन्न्दर और मनोज , पुत्र का जन्म दिवस है
बरसता शुभाशीष , उमडे आनंद रस है ,
करो देश का नाम , ’विभोर’ जियो दिन अनगिन
फैले ज्ञान प्रकाश , करो सुरभित तुम हर दिन !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल

ससुराल में !!!

अवसर पाकर ’ओंम’ हैं , शिमला में ससुराल
यहाँ न कोई कर सके , बाँका अपना बाल,
बाँका अपना बाल , कवच हैं साले साली
घटिया भी हो छंद , मिले दाद और ताली,
कहें ’ओंम’ कविराय , सैर करो बनठन कर
साल में एक बार , मिले आने का अवसर
-ओंम प्रकाश नौटियाल
 

Monday, July 6, 2015

वाद कोइ भी लीजिए , आए इसके बाद
सब वादों मे श्रेष्ठ है , जग में अवसर वाद !
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Friday, July 3, 2015

राजनीति के मसखरे , बदले पल-पल रंग
धन, पद , कद जो दे सके ,चले उसी के संग
-ओंम प्रकाश नौटियाल




 

शिमला  जाखू श्रंग पर , वानरीय उत्पात
हम उनकी संतान हैं , सिद्ध करे यह बात
-ओंम प्रकाश नौटियाल
 

Thursday, July 2, 2015

सागर पानी पी गया, नदियाँ हुई उदास
हाय राम हम लुट गई, रत्नाकर के पास
-ओंम प्रकाश नौटियाल




 

नीला अब तक कंठ है , विष पीकर भगवान
जहर फिर से फैल गया , महादेव बलवान,
विषधर विचरें हर जगह , करें गरल का वार
 कर मर्दन पी लीजिये , होगा तब उद्धार !
-ओंम प्रकाश नौटियाल