Friday, December 19, 2014

अहम रोकता है

-ओंम प्रकाश नौटियाल
मुहब्बत जब बेशुमार होती है,
नाहक ही तब तकरार होती है,
अहम रोकता है सुलह करने से
जीत व हार सर सवार होती है!
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Monday, December 15, 2014

भाग्य

ओंम प्रकाश नौटियाल
कब हमने कहा था कि तोड़ तारे लायेंगे
पतझड़ के मौसम में  हम बहारे लायेंगे
है डूबना मझधार में यदि भाग्य तुम्हारा
हम कैसे वहाँ पर  भला  किनारे लायेंगे?
-ओंम प्रकाश नौटियाल

Wednesday, December 3, 2014

प्रेम

-ओंम प्रकाश नौटियाल
बात प्रेम की आए तो हँसकर टाल देता है,
मगर गीतों  पर मेरे  झूमकर ताल देता है,
अपने रंग में  हौले  हौले   रंग लिया ऐसा
बस अब चैन मुझको उसका ही  खयाल देता है !
-ओंम प्रकाश नौटियाल