Wednesday, May 29, 2013
Monday, May 27, 2013
गाँधी (कुण्डलियाँ छंद) -ओंम प्रकाश नौटियाल
गाँधी देखें स्वर्ग से भारत का स्वराज
चाँदी चंद लोगों की , शेष सब मोहताज
शेष सब मोहताज, सेवक बने हैं स्वामी
बिक रहे हैं जमीर ,पदों की भी नीलामी
कहें ’ओम’ कविराय , चलेगी ऐसी आँधी
करेंगे असहयोग , बनेगे सारे गाँधी !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
चाँदी चंद लोगों की , शेष सब मोहताज
शेष सब मोहताज, सेवक बने हैं स्वामी
बिक रहे हैं जमीर ,पदों की भी नीलामी
कहें ’ओम’ कविराय , चलेगी ऐसी आँधी
करेंगे असहयोग , बनेगे सारे गाँधी !!!
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Saturday, May 25, 2013
Friday, May 24, 2013
Thursday, May 23, 2013
Friday, May 17, 2013
मेरा पहाड (कुंडलिया छंद )-ओंम प्रकाश नौटियाल
नीला नभ नत श्रंग पर, निज पर्वत की शान
मेघ मिलन हो राह में, कण कण में भगवान
कण कण में भगवान , पवन वृक्षों पर झूले
बहें झरने अलमस्त , नदी कलकल ना भूले
कहें ’ओम’ कविराय, प्रकृति की अनुपम लीला
शंकर जी का वास , जिनका कंठ है नीला
-ओंम प्रकाश नौटियाल
मेघ मिलन हो राह में, कण कण में भगवान
कण कण में भगवान , पवन वृक्षों पर झूले
बहें झरने अलमस्त , नदी कलकल ना भूले
कहें ’ओम’ कविराय, प्रकृति की अनुपम लीला
शंकर जी का वास , जिनका कंठ है नीला
-ओंम प्रकाश नौटियाल
Thursday, May 16, 2013
Wednesday, May 15, 2013
प्रेम (घनाक्षरी)
प्रेम (घनाक्षरी) -ओंम प्रकाश नौटियाल
सलोनी भोली बाला का पीछा करते रहना ,काम है अधर्म जन्य कुत्सित विचार का
गंद महज है उपज विकृत दिमाग की , वासना को अपनी जो देता नाम प्यार का
वो चाहत जिसमें नहीं स्थान बलिदान का, अन्य की पसंद इजहार , इकरार का
हो नहीं सकता है सचमुच का प्यार कभी , प्रेम में न आये कभी विचार संहार का? -ओंम प्रकाश नौटियाल
सलोनी भोली बाला का पीछा करते रहना ,काम है अधर्म जन्य कुत्सित विचार का
गंद महज है उपज विकृत दिमाग की , वासना को अपनी जो देता नाम प्यार का
वो चाहत जिसमें नहीं स्थान बलिदान का, अन्य की पसंद इजहार , इकरार का
हो नहीं सकता है सचमुच का प्यार कभी , प्रेम में न आये कभी विचार संहार का? -ओंम प्रकाश नौटियाल
Tuesday, May 14, 2013
Monday, May 13, 2013
Saturday, May 11, 2013
Friday, May 10, 2013
Thursday, May 9, 2013
Sunday, May 5, 2013
Saturday, May 4, 2013
Friday, May 3, 2013
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