Monday, July 28, 2008

कैशौर्य

प्रिय अनुभव को सत्रहवीं वर्षगांठ पर असीम शुभकामनाएं , बधाई व ढेर सारा प्यार ।

कैशौर्य
--- ओंम प्रकाश नौटियाल
नन्ही सी उम्र में वर्ष वर्ष जोड़ कर
पहुंचे हो आज तुम वय के इस मोड़ पर,
असमंजस में स्वयं को ढूंढ़ते खड़े हो
तुम न अब छोटे हो, न ठीक से बड़े हो ।

कैशौर्य में विचरते हो , यौवन के पास हो
सबके अजीज हो तुम सबके ख़ास हो ,
तनाव में कभी, कभी उलझन में लगते हों
मित्रों की पर अपने,सभी बातों पे हँसते हो ।

अनुभव , तर्क की बातें अनमने से सुनते हो
अधपकी समझ से वितर्कों के जाल बुनते हो ,
इस उम्र में होता है यह, न तुम्हारा कुसूर है
हमको प्यार है तुमसे हमें तुम पर गुरूर है ।

भविष्य में छुपी उज्जवल खुशियाँ अपार हैं
श्रम करते रहो मन से तो अवसर हज़ार हैं ,
समय को मान देना ही सफलता की कुंजी है
तुम्हारे साथ हमारे प्यार, दुवाओं की पूंजी है ।

Wednesday, July 2, 2008

बाढ़ का पानी



बाढ़ का पानी

---ओंम प्रकाश नौटियाल



जिस जगह जाती नज़र , है मंजर तबाही का

देखो कहाँ तक फैला बेदर्द बाढ़ का पानी ।



नदियाँ कहाँ अब जा रही, सागर से मिलने को

समंदर को अन्दर ला रहा ,जालिम बाढ़ का पानी ।



सड़के नहीं रही थी , जो पैदल के भी लायक

सफीने वहां चलवा रहा, गहरा बाढ़ का पानी ।



उनके हवाई दौरे , घडियाली आंसू और वादे

क्या नौटंकी करवा रहा , विदूषक बाढ़ का पानी ।



बनता बड़ा जाँ बाज , उछल कर ऊँचे बांधो से

दीन झुग्गियां डूबा रहा , निर्दयी बाढ़ का पानी ।



छोटा बड़ा जो भी मिला सबको साथ ले गया ,

कितनो के प्राण पी गया ,प्यासा बाढ़ का पानी ।



जलमग्न सब कुछ कर ,अब बड़प्पन दिखा रहा

बनता है पानीदार , महा ढोंगी बाढ़ का पानी ।