प्रिय अनुभव को सत्रहवीं वर्षगांठ पर असीम शुभकामनाएं , बधाई व ढेर सारा प्यार ।
कैशौर्य
--- ओंम प्रकाश नौटियाल
नन्ही सी उम्र में वर्ष वर्ष जोड़ कर
पहुंचे हो आज तुम वय के इस मोड़ पर,
असमंजस में स्वयं को ढूंढ़ते खड़े हो
तुम न अब छोटे हो, न ठीक से बड़े हो ।
कैशौर्य में विचरते हो , यौवन के पास हो
सबके अजीज हो तुम सबके ख़ास हो ,
तनाव में कभी, कभी उलझन में लगते हों
मित्रों की पर अपने,सभी बातों पे हँसते हो ।
अनुभव , तर्क की बातें अनमने से सुनते हो
अधपकी समझ से वितर्कों के जाल बुनते हो ,
इस उम्र में होता है यह, न तुम्हारा कुसूर है
हमको प्यार है तुमसे हमें तुम पर गुरूर है ।
भविष्य में छुपी उज्जवल खुशियाँ अपार हैं
श्रम करते रहो मन से तो अवसर हज़ार हैं ,
समय को मान देना ही सफलता की कुंजी है
तुम्हारे साथ हमारे प्यार, दुवाओं की पूंजी है ।
Monday, July 28, 2008
Wednesday, July 2, 2008
बाढ़ का पानी
बाढ़ का पानी
---ओंम प्रकाश नौटियाल
जिस जगह जाती नज़र , है मंजर तबाही का
देखो कहाँ तक फैला बेदर्द बाढ़ का पानी ।
नदियाँ कहाँ अब जा रही, सागर से मिलने को
समंदर को अन्दर ला रहा ,जालिम बाढ़ का पानी ।
सड़के नहीं रही थी , जो पैदल के भी लायक
सफीने वहां चलवा रहा, गहरा बाढ़ का पानी ।
उनके हवाई दौरे , घडियाली आंसू और वादे
क्या नौटंकी करवा रहा , विदूषक बाढ़ का पानी ।
बनता बड़ा जाँ बाज , उछल कर ऊँचे बांधो से
दीन झुग्गियां डूबा रहा , निर्दयी बाढ़ का पानी ।
छोटा बड़ा जो भी मिला सबको साथ ले गया ,
कितनो के प्राण पी गया ,प्यासा बाढ़ का पानी ।
जलमग्न सब कुछ कर ,अब बड़प्पन दिखा रहा
बनता है पानीदार , महा ढोंगी बाढ़ का पानी ।
Subscribe to:
Posts (Atom)